राजस्थान की उदयपुर पुलिस ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इस मामले में दो को पहले गिरफ्तार किया था. अब मुख्य आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के मुताबिक, आरोपी खुद को विधायक बताकर लोगों को सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा दिया करता था. उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र देकर लाखों रुपए ऐंठ लिया करता था. मामला राजस्थान के उदयपुर का है.
दरअसल, मामला उदयपुर के भूपालपुरा थाना इलाके का है. थानाधिकारी भरत योगी ने बताया कि राजकुमार थामेत ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया था कि आयड़ के रहने वाला जगदीश चंद्र आचार्य से उसकी जान-पहचान एक पार्टी में हुई थी. उसने राजकुमार के दोनों बेटों को नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया था.
जगदीश ने खुद की यूपी-राजस्थान सरकार में अच्छी पहचान बताई थी. इसी दौरान जगदीश ने राजकुमार के दोनों बेटों को पीडब्ल्यूडी में एलडीसी पद पर लगाने का आश्वासन दिया और बदले में 11 लाख रुपये की मांग की थी.
यूपी में पिता गन्ना मंत्री और ससुर कृषि मंत्री
इसके बाद राजकुमार ने जगदीश चंद्र को कुछ रुपये ट्रांसफर कर दिए. फिर उसने जयपुर ले जाकर एक होटल में राजकुमार और उसके दोनों बेटों को देवेंद्र राणा से मिलवाया. उसका परिचय शामली (यूपी) विधायक के रूप में कराया. उसने तीनों को बताया कि देवेंद्र के पिता यूपी में गन्ना मंत्री और ससुर कृषि मंत्री हैं. इनकी केंद्र सरकार में अच्छी पहचान है और नौकरी दिलाने का काम करते हैं.
अधिकारियों ने नियुक्ति पत्र को बताया फर्जी
इसके बाद सभी आरोपियों ने उन्हें भारत सरकार के मुख्य सचिव और राजस्थान के मुख्य सचिव के नाम का नियुक्ति पत्र दिखाया. इसके बाद आरोपियों ने बकाया 5 लाख 40 हजार रुपये देकर नियुक्ति पत्र लेने के लिए कहा. फिर राजकुमार ने बकाया रुपये देकर नियुक्ति पत्र ले लिया. वह दोनों बेटों को जॉइनिंग दिलाने गुलाबबाग स्थित पीडब्ल्यूडी ऑफिस पहुंचे, जहां अधिकारियों ने नियुक्ति पत्र को फर्जी बता दिया. फिर उन्होंने पुलिस को धोखाधड़ी की रिपोर्ट दी.
मामले में थानाधिकारी ने कही ये बात
थानाधिकारी योगी ने आगे बताया कि फतेहपुर सीकरी और आगरा (यूपी) के रहने वाले शिव प्रकाश उर्फ शिवा चौधरी और देवेंद्र राणा को गुजरात के राजकोट से गिरफ्तार किया गया है. पुलिस आरोपी से ठगी के बारे में पूछताछ कर रही है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.